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क्षय रोगियों को मिलेगी 13 लाख तक की नि:शुल्क दवा
टीबी से होने वाली मौतों पर हो सकेगा नियंत्रण
इंदौर. पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आज मनोरमा राजे क्षय चिकित्सालय में टीबी की नवीन औषधि बीडाक्वीलीन (एक्स डीआर मरीजों हेतु) जिले के प्रथम मरीज को क्षेत्रीय संचालक डॉक्टर लक्ष्मी बघेल एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एच. एन.नायक, डॉ सलिल भार्गव (विभागाध्यक्ष टीबी चेस्ट विभाग) द्वारा खिलाकर इसका शुभारंभ किया गया ।
शासन द्वारा नि:शुल्क प्रदाय इस औषधि की कीमत प्रति मरीज 13 लाख रुपए हैं । इस कोर्स में 186 गोलियों का कोर्स रहेगा जो मरीज को 6 माह में पूर्ण करना होगा । मरीज का इलाज आरंभ करने के पूर्व नोडल डी आर टीबी कमेटी द्वारा मरीज का संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण एवं विभिन्न जांच करने के उपरांत शासन के दिए गए निर्देशानुसार योग्य मरीज को यह उपचार दिया जावेगा । जिसमें मरीज को 15 दिवस डॉट प्लस साइड मनोरमा राजे क्षय चिकित्सालय पर भर्ती होना अनिवार्य होगा जहां पर मरीज की इलाज पूर्व सभी जांच एवं दवाइयां खाने के देखरेख की जाएगी.
जिला छय अधिकारी डॉ विजय छजलानी ने बताया कि जो क्षय रोगी प्राथमिक स्टेज में क्षयरोग की दवाइयों का पूर्ण कोर्स नहीं लेते हैं उन्हें एमडीआर/एक्सडीआर टीबी होने की संभावना अधिक होती है जिसका इलाज लगभग 16 से 18 महीनों का होता है अत: प्राथमिक स्टेज वाले क्षय रोगियों से अपील है कि वह अपना 6 माह का कोर्स बिना अवरोध पूर्ण करें जिससे एमडीआर/ एक्सडीआर टीबी होने से बचा जा सके.
मनोरमा राजे क्षय चिकित्सालय अधीक्षक डॉक्टर विजय अग्रवाल ने बताया कि उक्त दवाइयां भारत सरकार द्वारा 2025 तक क्षय रोग नियंत्रण की दशा में कारगर साबित होगी. आगे की कड़ी में डॉक्टर विजय अग्रवाल अधीक्षक (एमआर टीबी हॉस्पिटल)ने बताया कि एमडीआर प्लस के जो रोगी है जिन पर दवाइयों का असर नहीं हो रहा है उन रोगियों के लिए बिडाक्वीलीन दवाई काफी असरदार होगी उन्होंने आगे बताया कि काफी मात्रा में टीबी से होने वाली मृत्यु को रोका जा सकेगा।